श्रावण मास महोत्सव पूजा मैं श्रावण मास के प्रथम सोमवार को महा स्नान किया गया
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
सहारनपुर -राधा विहार स्थित औघड़ दानी नर्वदेश्वर महादेव भव्य भूतनाथ श्रृंगार अवसर पर स्वामी कालेन्द्रानंद जी ने कहा शिव सृष्टि को भस्म रूप में अपने शरीर पर धारण करते हैं। श्री रामकृष्ण विवेकानंद संस्थान के के तत्वधान में आयोजित श्रावण मास महोत्सव पूजा मैं श्रावण मास के प्रथम सोमवार को औघड़ दानी नर्मदेश्वर महादेव का दूध दही घी शहद शक्कर आदि से महा स्नान किया गया और रुद्री पाठ शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र एवं महिमन स्त्रोत से औघड़ दानी नर्मदेश्वर महादेव का महा रुद्राभिषेक किया गया उसके बाद महादेव का भूतनाथ रूप में भव्य श्रृंगार किया गया भगवान भोलेनाथ को महा भोग अर्पण कर महा आरती उतारी गई और प्रसाद वितरण किया गया।
औघड़ दानी नर्मदेश्वर महादेव श्रृंगार अवसर पर स्वामी कालेंद्रानंद जी महाराज ने प्रवचन करते हुए कहा महादेव अवधूत, मुक्त और विरक्त हैं वही जगत का परम तत्व हैं समस्त सृष्टि नश्वर है जिसे शिव सनातन रूप में अपने शरीर पर धारण कर पुनः सर्जन के लिए आधार का निर्माण करते हैं उन्होंने कहा शिव ही परम सत्य है शिव ही परम सुंदर है और शिव ही परम शिवम है शिव ही आदि अनादि एवं सृष्टि का अंत है उन्होंने कहा जो जीव शिव की शरणागति में चला जाता है वह मन क्रम वचन से पवित्र होकर अपना जीवन लोक कल्याण के लिए अर्पण करता है क्योंकि सदाशिव का अर्थ ही सदैव कल्याण है, जो प्रत्येक जीव का कल्याण करते हैं और उनको और हम शांति प्रदान करते हैं शिव का दूसरा अर्थ संतुलन भी है शिव के बिना सृष्टि के किसी भी तत्व का संतुलन संभव नहीं है इसीलिए प्रत्येक जीव को अपने जीवन को संतुलित रखने के लिए शिव का आधार प्राप्त करना आवश्यक है उन्होंने कहा संपूर्ण सृष्टि नश्वर है भस्म स्वरूप है जिसको शिव धारण करें पुनर संरचना करते हैं अर्थात प्रत्येक जीव को मन क्रम वचन से शिव तत्व में ही सच्ची निष्ठा से रमण करना चाहिए शिव तत्व ही जीव जगत एवं सृष्टि की परम शांति का आधार है इस अवसर पर अरुण स्वामी मेहर चंद जैन रमेश शर्मा भूपेंद्र पुंडीर सागर गुप्ता अभिषेक पुंडीर अश्विनी कंबोज राजेंद्र धीमान रोहित बजाज वर्षा किरण बबली विभा संगीता राजबाला बिना उमा आदि रहे।
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