धर्म और सत्ता ने मिलकर दिया सामाजिक एकता का सन्देश
नैतिकता और मानवीय मूल्य ही सुखी जीवन का आधार -महामंडलेश्वर सन्त कमल किशोर
रिपोर्ट-अमान उल्ला खान
सहारनपुर-लोकसभा सांसद श्री फ़जलुर्रहमान ने “दिव्य शक्ति अखाड़ा” के आचार्य महामंडलेश्वर सन्त श्री कमलकिशोर जी महाराज से उनके निवास पर सौहार्द्र्पूर्णभेंट कर समाज में गिरते नैतिक मूल्यों और धर्म व जाति के नाम पर समाज में बढ़ती घृणा पर विचार विमर्श किया।
सांसद श्री फ़जलुर्रहमान ने इस विषय पर गहन चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधियों और धर्मगुरुओं का दायित्व ऐसे वातावरण में बहुत अधिक बढ़ जाता है।जनता का विश्वास इन पर टिका होता है और जनता इनकी बात को महत्व देती,सुनती और उस पर अमल भी करती है। यह दोनों ही समाज के सुदृढ़ स्तम्भ हैं,जिन पर देश के विकास की नींव खड़ी है। श्री फ़जलुर्रहमान ने कहा कि सांसद किसी एक सम्प्रदाय का नहीं होता, अपितु पूरे जिले के समाज का सांझा होता है। एक समान निगाह से सभी को साथ लेकर चलना और सभी की समस्याओं को दूर करना व करवाना जनप्रतिनिधि का प्रमुख कर्तव्य होता है। आचार्य महामंडलेश्वर सन्त श्री कमलकिशोर ने धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि मानवीय गुणों को धारण करने को ही धर्म कहते हैं अतः जाति-पाति व धर्म के नाम पर लड़ाईयां ही सबसे बड़ा अधर्म है और देश के विकास मे सबसे बड़ी बाधा है। मानव जीवन को बहुमूल्य बताते हुए सन्त श्री ने कहा पूरी मानव जाति के खून का रंग लाल है और हमेशा रहेगा। हमें खून बहाने की बजाए रक्तदान करना चाहिए। अपने जीवन में दया,प्रेम,स्नेह,सहयोग और ईमानदारी को अपनाकर इसे सुख तथा आनन्द से पूर्ण कर धरती को ही स्वर्ग बनाना चाहिए। ऐसा तभी संभव है जब आपसी द्वेष और घृणा को मिलकर समाप्त किया जाए।“दिव्य शक्ति अखाड़ा”की ओर से सांसद महोदय का पुष्पमालाओं के साथ शाल ओढ़ा कर व नैतिकता का प्रतीक “पुष्पचित्र” भेंट कर सम्मानित किया गया।इस सम्मिलन में महामंडलेश्वर श्री अनिल कोदण्ड जी महाराज, महामंडलेश्वर श्री विद्यासागर चूड़ामणि जी महाराज,डॉ हर्ष,मोहम्मद अली एडवोकेट, अरविन्द राणा,डॉ अमित चौहान,श्रीमती अनिता, शीला कुमारी, श्रीमती सपना,श्रवण पाण्डेय,नरेंडर कुमार शर्मा,अमित गुप्ता ,दीपांकर , कुमारी रिया,कुमारी पूजा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
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