मजालिस में जनाबे अली असगर की शहादत पर रोशनी डाली
मजलिसो मे इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफिले का 7 मोहर्रम से पानी बन्द कर दिया गया था। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के काफिले में पानी नही था सभी प्यासे थे। हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के छः माह के हज़रत अली असग़र पानी की प्यास से तडप रहे थे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने हज़रत अली असग़र को गोद मे लेकर जंग के मैदान मे पहुचे और यज़ीदी लश्कर से कहा ‘हो सकता है कि मै तुम्हारी नज़र मे खतावार हॅू लेकिन इस छोटे बच्चे ने तो कोई खता नही की है इसे थोडा सा पानी पिला दो’ इसके जवाब मे यज़ीद के लश्कर की ओर से एक तीर आया और नन्हे से हज़रत अली असग़र अलैहिस्सलाम की गर्दन पर लगा। जनाबे अली असगर मुस्कुराते हुआ अपने बाप हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की गोद में ही शहीद हो गये।मजलिसो के आखिर मे नौहा खानी की गयी जिसमे अन्जुमने अकबरिया, सोगवारे अन्जुमने अकबरिया व अन्जुमने इमामिया ने नौहा खानी व सीनाजनी की।
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