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मजालिस में हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शहादत पर रोशनी डाली गयी

 मजालिस में हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शहादत पर रोशनी डाली गयी

रिपोर्ट-अमान उल्ला खान

सहारनपुर-मजालिस मे सब से पहले मरसिए खानी की गयी मरसिया पढने वालो मे डाक्टर अथर अली जैदी मास्टर आसिफ अल्वी, सलीम आब्दी, सलीस हैदर काजमी, खुवाजा रईस अब्बास हमजा जैदी, तसनीम रज़ा आदि थे ।      पहली मजलिस इमाम बारगाह सामानियान,मौहल्ला कायस्थान में हुज्जत उल इसलाम आली जनाब मौलाना सै0 औन मुहम्मद नकवी साहब ने खिताब फरमाया,दूसरी मजलिस बडी इमाम बारगाह,जाफर नवाज में हुज्जत उल इसलाम आली जनाब मौलाना मिर्जा शफीक हुसैन शफक साहब ने खिताब फरमाया। तीसरी मजलिस छोटी इमाम बारगाह में हुज्जत उल इसलाम आली जनाब मौलाना सै0 समर जैदी साहब ने खिताब फरमाया,चैथी मजलिस फरहत मैहदी के मकान पर हुई जिसको हुज्जत उल इसलाम आली जनाब मौलाना सै0 औन मुहम्मद नकवी साहब ने खिताब फरमाया,

मजलिस में शिया विद्वानो ने हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के भाई व लशकर के सिपहसालार हज़रत अब्बास अलमदार अलैहिस्सलाम की शहादत पर रोशनी डाली। मजालिस में बताया गया कि हजरत अब्बास इब्न अली अलैहिस्सलाम शिया मुसलमानों के पहले इमाम और सुन्नी मुसलमानों के चैथे खलीफ हजरत इमाम अली अलैहिस्सलाम और जनाबे फातिमा स.अ. के पुत्र थे। हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम एक बहादूर हाशमी जवान थे जिन्होने अपने भाई हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के साथ कर्बला की जंग बडी बहादूरी के साथ लडी और शहीद हुए। हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम का इराक के करबाला में रोजा है। हजरत अब्बास हजरत अलैहिस्सलाम, हज़रत इमाम अली इब्ने अबी तालिब के पुत्र थे। हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम के तीन भाई थे हज़रत अब्दुल्ला इबने अली अलैहिस्सलाम, हज़रत जाफर इबने अली अलैहिस्सलाम और उस्मान इबने अली अलैहिस्सलाम। हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम ने ग्यारह वर्ष की आयु में सिफिन की लड़ाई में एक सैनिक के रूप में शुरुआत की। अपने पिता के कपड़े पहने हुए जो एक महान योद्धा होने के लिए जाने जाते थे हजरत अब्बास इबने अली अलैहिस्सलाम ने एक साथ कई दुश्मन सैनिकों को मारा। करबला में हज़रत इमाम हुसैन के काफले मे छोटे छोटे बच्चे थे जो तीन दिन से पानी की प्यास से तडप रहे थे। हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम बच्चो की प्यास को देख नही पाये और नहर पर पानी लेने चले गये यजीदी लशकर ने जब हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम को पानी लेकर जाते देखा तो यजीद के लशकर ने हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम पर हमला कर दिया और हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम के बाजू कलम कर दिये गये (हाथ काट दिये)। हजरत अब्बास अलैहिस्सलाम हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के उन हाशमी जवानो में से थे जिनके बहदुरी से यजीदी लश्कर कापने लगता था  मजलिसो के आखिर मे नौहा खानी की गयी जिसमे अन्जुमने अकबरिया, सोगवारे अन्जुमने अकबरिया व अन्जुमने इमामिया ने नौहा खानी व सीनाजनी की।

आज सुबह से ही अजादारो के घरो मे नियाज़ो का अहतेमाम किया गया नियाज़ करने वालो मे खुवाजा खुर्शीद अखतर, प्यारे मिया, आई0एम0 जैदी, रियाज़ हैदर, मौहम्मद अली हवारी, ताजि़म जैदी आदि रहे। हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की याद नगर मे घर घर सक्काई की गयी । हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की याद मे शिया सोगवार मननते मांगते है और अपने बच्चो को सक्का बनाते है। घरो मे सक्काई की गयी घरो से छोटे छोटे अलम के साथ निकले और छोटा इमामबाडा अन्सारियान पहुचकर सक्काई की रस्म पूरी की गयी सक्काई मे शर्बत, चाय, काॅफी, पानी आदि तकसीम की गयी। सक्काइकरने वालो में मुख्यतः अली जैब काज़मी, मुहम्मद मोहसिन काज़मी, मिजऱ्ा मेहरबान पंजेतन, कैफ जैदी तुराब जैदी, अली, आदिल, काशिफ जैदी सलमान हैदर, वासिल, आतिफ, मौहम्मद, लवी, प्रिन्स, जै़न, ज़मन, राजू

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